(CAA, NPR विरोध प्रदर्शन क्या एक साजिश है )
भाग १ - क्या पीएम श्री नरेंद्र मोदीजी मुसलमान विरोधी हैं
इसमें माननीय कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद द्वारा इंडिया टी वी। आप की अदालत शो में किए गए उत्तरों का भी उल्लेख है।
मेरा उद्देश्य किसी की आलोचना करना या सही ठहराना नहीं है, मैं सिर्फ अपनी व्यक्तिगत टिप्पणियों को लिख रहा हूं, और यह किसी भी राजनीतिक पार्टी, संगठन, इकाई या व्यक्ति के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता है।
ये लेख मैने क्यों लिखा
मैंने देखा की कुछ लोग सी ए ए और एनपीआर कानून की वजह से मेरे देश भारत को बदनाम करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं और द्वारा किए गए अपार कार्य को बदनाम कर रहे हे
पीएम श्री नरेंद्र मोदीजी जिन्होंने अपनी टीम के साथ दिन-रात काम करते हुए हर भारतीय नागरिक को धर्म जाति के पंथ से परे लाभ पहुंचाया। यह देख के दुःख होता है कि हमारे नेता जो शायद पूरे विश्व में सबसे सम्मानित प्रधान मंत्री हैं, जिन्होंने भारत को इतना शक्तिशाली बना दिया है, वह न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में भारतीयों का ख्याल रखते हैं, जब इस तरह के एक पिता स्वरूपी नेता को मुस्लिम विरोधी कहा जा रहा है। फ़ासिस्ट हिटलर कहा जाता है तो इससे न केवल मुझे दुख होता है, बल्कि मुझे यकीन है कि यह सभी देशभक्तों की दुःख पोहचता है। नरेंद्र मोदीजी वह व्यक्ति हैं जिन्होंने एनएसए श्री अजीत डोभाल की आक्रामक कूटनीति द्वारा पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया किया।
इसके अलावा, मैंने पाया कि सीएए, एनपीआर की जानकारी बहुत बिखरी हुई है और एक भी लेख ऐसा नहीं है जिसमे सारे सवालो के जवाब एक साथ हो .और जो हम सभी को सभी क़ो एक निष्कर्ष पर पहुंचा सकता है,
मैं एनआरसी पर चर्चा नहीं करूंगा क्योंकि इसका मसौदा तैयार नहीं हुआ है, और मैं उदारवादी की तरह उस चीज पर टिप्पणी नहीं करता जो अभी तक बना भी नहीं है.
एक गलत सोच
चूँकि यह बातचीत एक गलत सोच पे शुरू हुई है कि माननीय प्रधान मंत्री, भाजपा और टीम मोदी मुसलमानों से घृणा करते हैं और मुसलमानों से छुटकारा पाना चाहते हैं। सबसे पहले ये साबित करना ज़रूरी है की ये एक गलत सोच है और एक साज़िश के तहत मोदी जी की छवि खराब करने का यह एक जानबूझकर कर किया गया प्रयास है।
मोदीजी पे देश विरोधी ताकतों ने क्या क्या इलज़ाम लगाया
- मोदीजी मुस्लिम विरोधी है, मुसलमानो को मारना चाहते हैं फ़ासिस्ट हैं ,हिटलर हैं
- कश्मीर में मुसलमानो को मारा जा रहा है.
- C A A कानून के तहत मुसलमानो से नागरिकता छीनी जाएगी , उन्हें देटेंशन सेंटर में डाला जाय्रेगा ,
मोदीजी को बदनाम करने की पूरी कोशिश की गयी , आइये हर एक इलज़ाम को समझने की कोशिश करते हैं
पश्चिमी मीडिया, राष्ट्रविरोधी और तथाकथित एकतरफा अवसरवादी उदारवादियों द्वारा भय और घृणा का वातावरण बनाया गया। यदि आप घटनाओं और भाषणों को देखते हैं तो हम यह अच्छी तरह से पता लगा सकते हैं कि SECULAR और LIBERAL शब्द का अर्थ कैसे बदला गया है। दोनों शब्दों का अर्थ अब है है अल्पसंख्यक अनुप्रयोग (माइनॉरिटी अपीज़मेंट ) जो ANTI MODI नाम के शब्दकोष से निकला है।
आइये हर एक इलज़ाम को समझने की कोशिश करते हैं
इलज़ाम 1.
मोदीजी मुस्लिम विरोधी है, मुसलमानो को मारना चाहते हैं फ़ासिस्ट हैं ,हिटलर हैं
सबसे पहले हमे मोदीजी के व्यक्तित्व को समझना होगा की वो
हर धर्म की कितनी इज़्ज़त करते हैं
खड़गपुर की रैली में अज़ान सुनने के बाद पीएम मोदी ने इस्लाम का सम्मान करते हुवे भाषण को बीच में ही रोक दिया जो की आप इस वीडियो में देख सकते हैं
(ये छोटी सी घटना है लेकिन दर्शाता है की मोदीजी इस्लाम धर्म की कितनी इज़्ज़त करते हैं )
आइये देखे मोदीजी ने चुनाव जीतने के बाद अपनी पहले भाषण
में मुसलमान के लिए क्या कहा
पीएम नरेंद्र मोदी बोले, अल्पसंख्यकों के साथ हुआ छल, हम जीतेंगे उनका विश्वास
मोदी ने अल्पसंख्यकों के साथ हुई वोटबैंक की राजनीति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जैसा गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश के अल्पसंख्यकों के साथ हुआ है। मोदी बोले, 'दुर्भाग्य से देश के अल्पसंख्यकों को उस छलावे में भ्रमित और भयभीत रखा गया है, उससे अच्छा होता कि अल्पसंख्यकों की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती। 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेदना है। हमें विश्वास जीतना है।
मोदीजी ने क्या निति बनाई और भारतीय मुसलमानो ने इसका किस तरह स्वागत किया है
मोदीजी का भारतीय मुसलमानो के लिए देखा गया सपना
(एक हाथ में कंप्यूटर और एक में कुरान : मोदी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं। उन्होने मुस्लिमों के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में लैपटाप देखने का सपना संजोया है। प्रधानमंत्री महापुरुषों की तरह निस्वार्थ देश सेवा कर रहे हैं। देश विरोधी ताकतों ने मुस्लिमों के एक हाथ में कुरान और एक हाथ में हथियार देखना चाहा। नरेंद्र मोदी ने एक हाथ में कुरान और एक हाथ में लैपटाप देखने का सपना संजोया है.
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(मोदीजी का सपना पूरी करती मदरसा की छात्राये ) |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोला था कि अल्पसंख्यक बच्चों के एक हाथ में वो कुरान देखना चाहते हैं और दूसरे में लैपटॉप. उस समय लोगों ने सोचा था कि इस कल्पना को साकार होने में न जाने कितना वक्त लगेगा. लेकिन, यूपी की राजधानी लखनऊ के काकोरी स्थित मदरसे में प्रधानमंत्री मोदी का ये सपना पूरा होता हुआ दिख रहा है. दीनी तालीम के साथ मुस्लिम बच्चे अब बाकायदा मदरसे में न सिर्फ कंप्यूटर सीख रहे हैं. बल्कि. अब वो धीरे-धीरे खुद को इसके साथ पूरी तरह एडजस्ट भी कर चुके हैं.
इस मदरसे में सिर्फ यही खास बात नहीं है. इसकी एक और बड़ी खास बात ये है कि यहां न सिर्फ मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं. बल्कि, मदरसे के आधुनिकीकरण के बाद हिंदू परिवारों के बच्चे भी इस मदरसे में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान पढ़ रहे हैं. उन्हें उर्दू की भी बराबर जानकारी हो गई है. अब वो भी बेहद आसानी से इस भाषा को पढ़ और सीख रहे हैं.
मुस्लिम बच्चे इस मदरसे में एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों को फर्राटे से पढ़ रहे हैं. बच्चों को भी इन्हें पढ़ने में खासा मज़ा आ रहा है. सभी बच्चे इन किताबों के साथ अब अपने ख्वाब भी बुनने लगे हैं. कोई मुस्लिम बच्ची डॉक्टर बनना चाहती है तो, कोई इंजीनियर तो, कोई बड़ी होकर टीचर बनने की बात कह रही है.
मदरसा चलाने वाले डॉक्टर असलम भी मानते हैं कि इन बच्चों को जितना ज्यादा निखारा जाएगा, आने वाला भविष्य उतना ही उज्ज्वल होगा. शायद यही वजह है कि हिंदू टीचर मदरसे में उर्दू पढ़ा रही हैं तो, मुस्लिम टीचर अंग्रेजी और हिंदी की क्लासेस ले रही हैं. डॉक्टर असलम भी मानते हैं कि शिक्षा का न तो मजहब होता है, न ही कोई बंदिश. इसीलिए मदरसे में विविधता में एकता की बात सबको साफ नजर आ रही है.
छोटे छोटे बच्चे जब ऐसे अच्छे और पॉजिटिव माहौल में पढ़ेंगे तो, निश्चित तौर पर एक अच्छा और बेहतर माहौल बच्चों को बचपन से ही देखने को मिलेगा. ऐसे में हिन्दू मुस्लिम एकता की भला इससे बेहतर तस्वीर और क्या हो सकती है. यही वजह है कि चाहे सरकार में बैठे लोग हों या बच्चों के अभिभावक हर कोई इस जुगलबंदी की दिल खोल कर तारीफ कर रहा है. साथ ही इसकी बेहतरी के लिए प्रयास भी कर रहा है.
इसके बाद मैं भारत के हर मुस्लमान से पूछना चाहता हूँ , आज तक ऐसा कौन प्रधानमंत्री हुआ है जो आप लोगो जो आप लोगो के बारे में इतना सोचता है . , जो हमेशा आपके विकास के बारे में सोचता है , जो आपको अपना समझता है , क्या ऐसा इंसान आपको देश से निकालने का कानून लाएगा . कभी सोचा है की आप लोगो के बेबुनियाद इलज़ाम उनको कितना दुःख पोहचता होगा . अभी तक मैने आपको नरेंद्र मोदीजी की सोच के बारे में बताया है , आइये अब थोड़ा उनके काम को समझने की कोशिश करते हैं
आइए नजर डालते हैं नरेंद्र मोदी जी और उनकी टीम के द्वारा किये गए कुछ कार्य पर
1. वह कार्य जिसने मुस्लिम आबादी को सीधे लाभान्वित किया।
2. वह कार्य जिसमें मुख्य रूप से मुस्लिम जनसंख्या को लाभ हुआ।
3. काम जिसमें मुसलमानों सहित सभी को फायदा हुआ
हालाँकि मुझे मोदीजी, रविशंकर प्रसाद जी के द्वारा किये गए कार्य का धार्मिक आधार पर वर्गीकरण का काम बुरा लग रहा है, क्योंकि वे हमेशा सुधारों की योजना बनाते हैं और भारतीयों को लाभान्वित करने के लिए काम करते हैं, उनके दिमाग में धर्म नहीं आता है।
त्रिपल तलाक बिल
हम सभी ने देखा है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाली सरकार ने ट्रिपल तालक की सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए कितनी लड़ाई लड़ी, उन्होंने 2018 और 2019 में तत्काल ट्रिपल तालक की बुरी प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून लाने के लिए कई प्रयास किए लेकिन दोनों प्रयास विफल रहे क्योंकि सरकार के पास उच्च सदन यानी भारतीय संसद का राज्यसभा में बहुमत नहीं था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस आदि के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों ने संसद में इस सुधार का विरोध किया।
लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार और रवि शंकर प्रसाद जी के दृढ निश्चय ने आखिरकार ओप्पोसिशन को परास्त किया और जुलाई 2019 में इस कानून को संसद में पारित कराने के लिए तीसरा प्रयास करने का फैसला किया।
इस बार भी वही राजनीतिक दलों के समूह ने जो आज नारी शक्ति और सेकुलरिज्म की बात करते हैं इस सामाजिक सुधार का विरोध किया क्युकी वो नहीं चाहते थे की भारत की मुस्लिम महिलाओं का वोट बैंक उनके हाथ से निकल जाये .
लेकिन जैसा लोग कहते हैं मोदी है तो मुमकिन है , को सच साबित करते हुवे मुस्लिम महिलाओं को इस सामाजिक बुराई से छुटकारा दिलवा ही दिया
भारत के कानून मंत्री के रूप में, रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में विधेयक को फिर से प्रस्तुत किया और लोकसभा से पारित होने के बाद, इसे राज्य सभा में स्थानांतरित किया गया, जिसने इसे 99 से 84 के बहुमत से पारित किया। इसके बाद, भारत के राष्ट्रपति इस विधेयक को अपनी स्वीकृति प्रदान की और यह अधिनियम बन गया।
देश भर की मुस्लिम महिलाओं ने इस सुधार का जश्न मनाया और नरेंद्र मोदी और रवि शंकर प्रसाद जी को इसके लिए धन्यवाद दिया .
मैं अपने मुसलमान भाइयो और बहनो से प्रार्थना करना चाहता हूँ की ये पढ़ने के बाद आप खुले दिमाग से एक बार सोंचे और खुद फैसला करे की कौन आपका सच में साथ देता है और कौन आपको सिर्फ इस्तेमाल करता है
मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष छात्रवृत्ति
मोदी सरकार विशेष छात्रवृत्ति योजना जो 50 मिलियन मुस्लिम छात्रों को कवर करेगी।
छात्रवृत्ति प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक और व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रम के अध्ययन के लिए है। अगले पांच वर्षों में फैली यह योजना छात्रों को गणित, विज्ञान और भूगोल जैसे आधुनिक विषयों को पढ़ाने के लिए है। एक और योजना मदरसों में पेशेवर शिक्षकों को प्रशिक्षित और नियुक्त करने के लिए है।
दिलचस्प बात यह है कि 50 प्रतिशत छात्रवृत्ति मुस्लिम लड़कियों के लिए आरक्षित होगी क्योंकि पीएम को लगता है कि महिलाओं को किसी भी सामाजिक या सामुदायिक सुधार में प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी कहते हैं, '' स्कॉलरशिप के जरिए मोदी सरकार सांप्रदायिकता और तुष्टिकरण की राजनीति की बीमारी को खत्म कर स्वस्थ समावेशी विकास का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। "अल्पसंख्यकों के लिए हमारा दृष्टिकोण तीन Es-- शिक्षा, रोजगार और अधिकारिता (Education, Employment and Empowerment.) पर आधारित है।"
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मोदी सरकार ने भारतीय मुस्लिम युवाओं को ईद पर बड़ा तोहफा दिया |
केंद्र सरकार द्वारा पढ़ाई-लिखाई के लिए मुस्लिम युवाओं को सहायता के रूप में छात्रवृति दी जाएगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद अगले पांच साल में 5 करोड़ विद्यार्थियों को 'प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति' देने का एलान किया। इसमें से करीब ढ़ाई करोड़ यानी 50 प्रतिशत छात्राएं होंगी। इसका लाभ लेने की प्रक्रिया को बहुत ही सरल और पारदर्शी भी बना दिया गया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विकास की गाड़ी को विश्वास के हाईवे पर तेजी से दौड़ाना अगले पांच वर्षों में सरकार की प्राथमिकता होगी, ताकि प्रत्येक जरूरतमंद की आंखों में खुशी और उसके जीवन में समृद्धि लाई जा सके। विश्वास के हाईवे पर न कोई स्पीड ब्रेकर आने देंगे और न कोई रोड़ा। इसके लिए हमें चौकस और चौकन्ना रहना होगा। आपको बता दें कि इससे पहले भी केंद्र द्वारा बहुत सी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
50 प्रतिशत मुस्लिम लड़कियों को भी मिलेगी छात्रवृति का लाभ
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी ने कहा कि '3E' यानी एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट और एम्पावरमेंट हमारा लक्ष्य है। इसे पूरा करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए 'पढ़ो–बढ़ो' अभियान चलाया जाएगा। दूरदराज के इलाकों में जहां आर्थिक-सामाजिक कारणों से लोग लड़कियों को शिक्षा के लिए नहीं भेजते हैं वहां शैक्षणिक संस्थानों को सुविधाएं एवं साधन उपलब्ध कराने के लिए काम किया जाएगा। सौ से ज्यादा मोबाइल वैन के माध्यम से शिक्षा-रोजगार से जुड़े सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी देने के लिए देश भर में अभियान चलाया जाएगा। सभी बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास के कार्यक्रम के द्वारा जागरुक भी किया जाएगा।
मुस्लिमों को ऐसे मिलेगा रोजगार
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी ने कहा कि रोजगार पर भी पांच साल का रोडमैप पेश किया। दस्तकारों/शिल्पकारों/कारीगरों को रोजगार से जोड़ने और बाजार मुहैया करवाने के लिए अगले पांच साल में देश में 100 से अधिक 'हुनर हाट' का आयोजन होगा। साथ ही उनके स्वदेशी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। पांच साल 25 लाख नौजवानों को रोजगारपरक कौशल उपलब्ध कराया जाएगा और इसके साथ ही 'सीखो और कमाओ' 'नई मंजिल' 'गरीब नवाज कौशल विकास' और 'उस्ताद' जैसे रोजगारपरक कौशल विकास कार्यक्रमों को प्रभावकारी बनाया जाएगा।
3. मुस्लिम छात्रों को वित्तीय सहायता:
दिल्ली में एमसीडी स्कूलों (प्राथमिक शिक्षा के लिए) में यह विशेष प्रावधान है, स्कूल की वर्दी वितरित करने और सभी मुस्लिम छात्रों को नकद धन के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने का। यह इन स्कूलों में और अधिक मुस्लिमों को आकर्षित करने का प्रस्ताव था और कई वर्षों से इसका चलन था ...
लेकिन वास्तव में क्या हो रहा था कि अभिभावक नामांकन के बाद केवल दो बार स्कूल आए:
- पैसे और वर्दी इकट्ठा करने के लिए
- प्राचार्य से अपने वार्डों को परीक्षा में उपस्थित होने का अनुरोध करने के लिए क्योंकि इनमें से अधिकांश छात्र पूरे वर्ष कक्षाओं से अनुपस्थित थे
- अब, पिछले साल मोदी ने जो किया वह यह था कि 75% से अधिक उपस्थिति वाले मुस्लिम बच्चे और 45% से अधिक अंक वाले गणवेश और नकद के लिए पात्र होंगे !!
मेरा मानना है कि उसने इस कदाचार को समाप्त कर दिया और यह छात्रों को नियमित रूप से कक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रेरणा देने का काम करता है और इसलिए बेहतर प्रदर्शन करता है !!
इसके अलावा, अब यह सारा डेटा जाता है और पैसा सीधे पीएम कार्यालय से आता है न कि एमसीडी कार्यालयों से, जिससे भ्रष्टाचार भी कम होता है।
कुछ लोग पूछ रहे हैं कि राज्य सरकार का मामला होने के बावजूद पीएमओ यह सब कैसे प्रबंधित कर सकता है
खैर, MCD दिल्ली सरकार के अधीन नहीं है। या AAP का शासन। अब एक दशक से अधिक समय से बीजेपी द्वारा शासित एक स्वायत्त निकाय है।
और कम लोग जानते हैं कि यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार में अधिक मुसलमानों को छात्रवृत्ति मिली।
सऊदी क्राउन प्रिंस कीभारत यात्रा
आइये देंखे प्रधानमंत्री मोदी के दोस्ताना व्यवहार ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुस्लिम समुदाय के लिए क्या क्या करवाया
हज कोटा बढ़ाकर 2 लाख कर दिया
मोदी-क्राउन प्रिंस वार्ता के बाद सऊदी अरब ने भारत का हज कोटा बढ़ाकर 2 लाख कर दियाप्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय द्वारा निर्णय की घोषणा की।
"यह लगातार वर्षों में तीसरी बढ़ोतरी है। 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तब भारत का हज कोटा 1,36,000 था, जो अब बढ़कर 2 लाख हो गया है। यह भारत से हज पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की सबसे अधिक संख्या होगी। आजादी के बाद से, "नकवी ने पीटीआई को बताया।
उन्होंने कहा कि यह मोदी के सऊदी नेतृत्व के साथ "बहुत सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण" संबंधों के कारण संभव हुआ।
सऊदी अरब ने अपनी जेलों में बंद 850 भारतीय कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर लिया गया था।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "पीएम के अनुरोध पर, सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस ऑफ द रॉयल हाइनेस ने सऊदी जेलों में बंद 850 भारतीय कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है।"
अब देखते है की कांग्रेस पार्टी जो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी को मुसलमान विरोधी और अपनी पार्टी को सेक्युलर बताती है और जो शांति और पाकिस्तान से हमेशा बात करने की पैरवी करती हैं। उसने इसके बारे में क्या कहा।
आप लोग समझदार समझदार हैं और खुद समझ सकते हैं , मुझे ये समझ आया की मोदीजी ने एक मुस्लिम देश के लीडर को गले लगाया , क्युकी वो पाकिस्तान से होकर आया है और $20BN का MOU करके आया है इसलिए मोदीजी को उसे गले नहीं लगाना चाहिए था। ये नफरत नहीं तो और क्या है , उनकी जानकारी के लिए चाहता हूँ की ने $ 20 bn दूर की बात है Rs 20 का भी इन्वेस्टमेंट भी आज तक नहीं किया है . और अगर वो क्राउन प्रिंस से दोस्ताना रिश्ता नहीं बनाते तो क्या इतनी आसानी से मुसलमान भाइयो का काम करवा पाते क्या वो सऊदी अरब से मिलने वाली मदद रोक पाते ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे इंसान हैं जो सबसे अच्छा रिश्ता बनाते हैं , सबको प्यार करते हैं। और उनका यही अच्छा स्वाभाव है जो उन्हें महान बनाता है। आज हर बड़ा इस्लामिक देश उनकी तारीफ करता है
वो योजनाए जिसमें मुसलमानों सहित सभी को फायदा हुआ
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पूरा विवरण जानने के लिए फोटो पे क्लिक करे |
अब ये फैसला मैं आप लोगो पे छोड़ता हूँ की मोदीजी भारत के मुसलमानो से प्यार करते है, उनके विकास के बारे में सोचते है या मोदीजी मुसलमान विरोधी हैं और उन्हें देश से निकालना चाहते हैं. साथ में ये भी सोचिये की जो लोग आपको सड़को पे उतरने की बात करते हैं या आर पार की लड़ाई करने की बात , वो क्या सच में आपका भला चाहते हैं या सिर्फ राजनीति के लिए आप लोगो का इस्तेमाल करते हैं
END OF PART -1
भाग २ में हम लोग CAA, NPR विरोध प्रदर्शन के बारे मे बात करेंगे
------ Article by Adarsh Sinha
ReplyDeleteI enjoyed reading your article; it was a pleasure to read
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